वन विभाग में पदस्थ डिप्टी रेंजर को सेवानिवृत्ति के दिन ही सेवा से पृथक कर दिया। विभागीय जांच रिपोर्ट के आधार पर सेवा से पृथक करने का आदेश…।

 

VANBHASKAR BHOPAL  मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम में एक डिप्टी रेंजर के रिटायरमेंट के दिन बर्खास्तगी का मामला चर्चा का विषय बन गया है। यह घटना उस समय हुई जब डिप्टी रेंजर हरगोविंद मिश्रा को विदाई समारोह के कुछ ही देर बाद सेवा से पृथक करने का आदेश जारी किया गया। यह कार्रवाई 18 लाख रुपये की वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के चलते की गई, जो कि इकोसिस्टम इम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट के तहत 150 लोगों के भ्रमण कार्यक्रम से संबंधित थी। विभागीय जांच में अनियमितताओं की पुष्टि होने के बाद मिश्रा को अपनी सफाई देने का मौका दिया गया था, जिसमें उन्होंने 24 जून को अपनी प्रतिक्रिया दी। इसके बावजूद, 30 जून को उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। इस घटना ने प्रशासनिक प्रक्रियाओं और भ्रष्टाचार के प्रति उठाए जाने वाले कदमों पर ध्यान आकर्षित किया है।

आर्थिक अनियमित्ता पर कार्रवाई

प्रधान मुख्य वन संरक्षक नर्मदापुरम अशोक कुमार चौहान ने बताया कि डिप्टी रेंजर हरगोविंद मिश्रा को सेवा से पृथक किया गया है। उन पर ईको सिस्टम इंप्रूमेंट प्रोजेक्ट में 150 लोगों के भ्रमण कार्यक्रम में 18 लाख की अनियमितता का आरोप था। जांच में यह सही पाया गया। उन्हें बचाव में जबाव देने को कहा था। उन्होंने 24 जून को जबाव दिया था। सोमवार को सेवानिवृत्ति के दिन उन्हें सेवा से पृथक करने के आदेश जारी कर दिए गए।